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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका
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Tuesday, September 27, 2016

योगी संयम से शत्रू का छिद्रान्वेषण कर उसे हराते हैं-संदर्भःभारत पाकिस्तान संबंध (Yogi Sanyam se shatru ka Chhidranveshan ka use harate hain-India Pakistan Relation)


                      पाकिस्तानी भले ही परमाणु बम लेकर बरसों से भारतीय हमले से बेफिक्र हैं यह सोचकर कि हम एक दो तो भारत पर पटक ही लेंगे तब वह डर जायेगा। अब उन्हें हमारी प्यार भरी सलाह  है कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी से उनको डरना ही चाहिये क्योंकि वह योगाभ्यासी हैं।  एक सामान्य व्यक्ति तथा  योग साधक में अंतर होता ही है।  अपनी बात पूरी करने से पहले उनको बता दें कि उन्हें योग के आसन और प्राणायाम के विषय ही सुने हैं-वह भी टीवी चैनल देखकर-जबकि धारणा, ध्यान और समाधि भी उसका ऐसा हिस्सा है जिसे पाकिस्तानी क्या समझेंगे अभी तक भारत कुछ ही योग अभ्यासी हिन्दू समझ पाये हैं।
                          उरी की घटना के बाद तत्काल पाकिस्तान पर हमला करने की मांग उठी थी पर कुछ लोगों ने माना कि ऐसा करना गलती होगी।  अभी तक एक भी कदम नहीं उठाया गया है। हम मान लेते कि सब कुछ पहले की तरह ही सामान्य हो जायेगा पर प्रधानमंत्री मोदी की गतिविधियों को टीवी पर देखकर पता लगता है कि वह हर छोटी बड़ी चीज पर स्वयं विचार कर रहे हैं।  पतंजलि योग में संयम की चर्चा हैं जिसे हम धारणा व  ध्यान का मिश्रित पर्याय भी कह सकते हैं।  योगसिद्धांतों  के अनुसार किसी विषय, व्यक्ति या वस्तु पर संयम करने से उसके बारे में संपूर्ण चित्र अंतर्मन में आने लगता है।  इतना ही नहीं न लिखी गयी, न सुनी गयी और न देखी गयी सामग्री सामने आती दिखती है।  मोदी जी हर विषय पर दृष्टिपात करने के साथ ही पाकिस्तान की हरकतों पर संयम कर रहे होंगे-यानि पहले उससे संबंधित विषय को चित्त की धारणा में लाते होंगे फिर उस पर ध्यान लगाते होंगे। ध्यान के बाद उनकी जब समाधि लगती होगी तो जरूर कुछ निष्कर्ष सामने होते होंगे।  आज नहीं तो कल नहीं तो परसों समाधि में मोदी जी पाकिस्तान का वह छेद देख ही लेंगे जो आज तक कोई नहीं देख पाया है।  एक बात तय रही कि हमारी दृष्टि से पाकिस्तान अब एतिहासिक दुष्परिणाम की तरफ बढ़ रहा है क्योंकि उसने अभी तक किसी ऐसे प्रधानमंत्री का सामना नहीं किया होगा जो विश्वभर के नेताओं को व्यक्तिगत रूप से प्रभावित कर रहा हे।
                     पाकिस्तान के कला, साहित्य, अर्थ तथा राजनीति के शिखर पुरुष भारत के विरोधी न भी हों तब भी वह हिन्दू संस्कृति का नाम नहीं सुनना चाहते। उन्हें अरेबिक संस्कृति पूरी तरह से प्रिय है। मगर हम  देश के दक्षिणपंथियों विचारकों को बता दें कि कुछ ऐसा जरूर होगा जो पाकिस्तान की धारा बदल देगा।  हम जैसे लोग इसके लिये एक दो महीने नहीं ढाई साल तक इंतजार कर सकते हैं। योगी अपने संयम से शत्रु के छेद ढूंढकर उसे परास्त करना जानते हैं।
                 नोट-यह लेख अरेबिक विचाराधारा के पोषक पाकिस्तानियों की समझ में नहीं आयेगा अतः उन्हें पढ़कर समझाने का कोई उच्चस्तरीय अंतर्जालीय प्रयास न करें।
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              सूचना-अगर भारत के टीवी चैनल इस लेखक को बहसों में बुलाना चाहें तो वह दिल्ली आ सकता है। मोबाईल फोन न-8989475367, 9993637656, 8989475264 

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