समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका
-------------------------


Sunday, October 23, 2016

कश्मीर पर चुभती बात अब मासूम चेहरे वाले विद्वान कहेंगे-हिन्दी संपादकीय (Now Lul Face would Saying criticle Word In Kashmir-Hindi Editorial

                                       कुछ लोगों को हम वाकई सरल प्रकृति का समझते हैं पर जब चालाकी से अपनी बात दूसरे को दुखाने के लिये कहते हैं तब उनकी पोल खुल ही जाती है। हम टीवी पर बहसों में आने वाले एक निष्पक्ष लेखक को बड़ा सीदा और सज्जन समझते थे। आज उनका कश्मीर के संबंध में एक पाठ देखा तो हैरानी हुई।  उसमें उन्होंने लिखा कि कश्मीर की धरती पर हमारे पास हैं पर लोग हमारे साथ नहीं हैं। पहली बात तो हम यह बतायें कि हम बचपन से देखते आ रहे हैं कि कश्मीर में सब कुछ सामान्य रहा तब वहां कोई आंदोलन वगैरह या प्रथकतावाद का कोई सवाल नहीं आया।  1971 के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका और ब्रिटेन की शहर पर वहां आतंकवाद शुरु किया तब से यह मामला चला। 
                कुछ चुभने वाली ऐसी बातें मासूम दिखने वाले लोग कहते हैं तो लगता है कि उन्हें खरीदकर लिखवाया गया है। हमारे देश के कुछ अखबार भी बिना सोचे समझे छाप देते हैं-या सरकार को बदनाम करने की उनकी ऐसी योजना रहती है यह पता नहीं। हमारा तो एक ही सवाल है कि ‘अगर लोग साथ नहीं है तो लोकसभा और विधानसभा चुनावों में 67 प्रतिशत मतदान भूतप्रेत करने आते हैं।
                 जनाब! सामान्य लोगों की अगर सरकार नहीं सुनती तो अपराधी भी नहीं सुनते।  अपराधी का लट्ठ चलता है तो लोग उससे डरे सहमे रहते हैं पर एक बार वह पुलिस के हत्थे चढ़ जाये उससे किनारा कर लेती है।  कश्मीर में अभी तक अलगावादियों का लट्ठ चल रहा है इसलिये लोग खामोश हैं। जिस दिन सरकार उन्हें लपेट लेगी उस दिन जनता उसके साथ हो जायेगी। सरकार जीती तो जनता उसके साथ हो जायेगी। 
------------
        हमने सुना था कि पाकिस्तान भारतीय बुद्धिजीवियों को खरीदने के लिये पैसा खर्च कर रहा है। हमें लग रहा है कि संभवतः अब वह ऐसे बुद्धिजीवियों को भी सामने लायेगा जो मासूम चेहरे वाले होंगे और उसकी बात इस तरह कहें जैसे कि वह निष्पक्ष विश्लेक्षक की हो। 
           भारतीय प्रचार माध्यम इस समय जनमानस को उत्तर प्रदेश के ‘परिवार विवाद’ और क्रिकेट में व्यस्त रखे हुए हैं। इस बीच खबर है कि अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर उसने आतंकवाद पर नियंत्रण नहीं किया तो वह उसके अंदर घुसकर मारेगा।  यह गंभीर चेतावनी है। इधर पाकिस्तान अपनी झैंप मिटाने के लिये सीमा पर गोलीबारी कर रहा है। उसके पालतू  एक तरह से कश्मीर में अंतिम युद्ध लड़ रहे हैं। ऐसा लगता है कि आगामी कुछ माह में पाकिस्तान का निपटारा इस तरह होगा कि कोई उसकी अभी कल्पना भी नहीं कर रहा है।

No comments:

Post a Comment

अध्यात्मिक पत्रिकाएं