समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका
-------------------------


Friday, January 15, 2016

अंतर्जाल पर सक्रिय प्रतिभाओं को सम्मान देना चाहिये-26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर विशेष हिन्दी लेख(Special Hindi article on 26 january Republic Day)


                             अब 26 जनवरी गणतंत्र दिवस आ रहा है।  इस अवसर पर कला, साहित्य, कला, पत्रकारिता तथासमाज सेवा में सक्रिय महानुभावों को पद्म भूषण पद्मविभभूषण तथा पद्मश्री सम्मान दिये जाने की घोषणा होनी है।  ऐसे समाचार भी आते रहे हैं कि पहुंच तथा पैसे वाले कथित महानायक इन पुरस्कारों का जुगाड़ करने में लगे रहते हैं।  हमारे यहां प्रगतिशील और जनवादी विद्वानों को सम्मानित करने की परंपरा अधिक रही है। राष्ट्रवादी विचाराधारा के विद्वानों, कलाकारों, पत्रकार तथा समाजसेवकों की उपेक्षा का आरोप हमेशा लगता रहा है। इसके अलावा संगठित व्यवसायिक क्षेत्र से अलग हटकर कार्य करने वालों की अनदेखी करने की बात भी कही जाती है।  पिछले कुछ वर्षों से अंतर्जाल पर भी अनेक लोग सक्रिय हैं पर किसी को भी इस आधार पर सम्मान नहीं मिला वह भी प्रतिभाशाली हैं। 
हमारी राय है कि पद्म भूषण व पद्मश्री पुरस्कार अब अंतर्जाल पर कार्यरत लेखकों, पत्रकारों, कलाकारों तथा कार्टूनिस्टों को दिये जायें जो सिफारिश नहीं कर पाते उनकी तरफ ध्यान देना चाहिये। अंतर्जाल पर सक्रिय प्रतिभाओं  को संगठित क्षेत्र की विभूतियों  के समकक्ष न समझना अन्याय है। इस 26 जनवरी उन्हें पदम् सम्मान देकर नहीं धारा प्रवाहित की जाये तो अच्छा रहेगा। अब इंटरनेटयुग है इसमें बाज़ारवाद से ऊपर उठकर सांस लेने वाले किताबें छपवाने में अनिच्छुक लेखक व कार्टूनिस्ट सक्रिय हैं। उन्हें सम्मान देकर नयी परंपरा बने तो इन सम्मानों की प्रतिष्ठा ही बढ़ेगी। अंतर्जाल की विभूतियों को पद्म भूषण व पद्मश्री सम्मान देने से यह साबित होगा कि भारत ने नये युग में प्रवेश किया है। 26 जनवरी पर अंतर्जालीय विभूतियों का पद्भूषण पद्मश्री सम्मान देने से उन युवा प्रतिभाशाली लोगों का मनोबल भी बढ़ेगा जो स्वतंत्र रूप से कला व लेखन क्षेत्र में सक्रिय हैं। व्यवसायिक क्षेत्र के लोगों को सम्मान देते रहने से आम लेखकों व कलाविदों में यह भाव है कि केवल पैसे और पहुंच वालों को ही पद्मभूषण व पद्मश्री सम्मान मिलते हैं। इस बार परंपरा से हटकर इंटरनेट की प्रतिभाओं को पद्मभूषण व पद्मश्री सम्मान देने से युवाओं का रचनात्मक क्षेत्र की तरफ रुझान बढ़ेगा। इंटरनेट की प्रतिभाओं को पद्म भूषण व पद्मश्री सम्मान देने से यह संदेश भी निकलेगा कि राज्यप्रबंध लीक से हटकर काम कर रहा है।
-------------

दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर 

athor and editor-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
यह पाठ मूल रूप से इस ब्लाग‘दीपक भारतदीप की अंतर्जाल पत्रिका’ पर लिखा गया है। अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द लेख पत्रिका
2.शब्दलेख सारथि
3.दीपक भारतदीप का चिंतन
४.शब्दयोग सारथी पत्रिका
५.हिन्दी एक्सप्रेस पत्रिका 
६.अमृत सन्देश  पत्रिका

No comments:

Post a Comment

अध्यात्मिक पत्रिकाएं