मकान रहते वहीं रहते
घर के रूप
जरूर बदल जाते है।
चमकते महल भी
इतिहास के खंडहर में
जरूर बदल जाते हैं।
कहें दीपकबापू धरती पर
इंसान बनता बहुरूपिया
यह अलग बात है
सभी एक दिन तस्वीर में
जरूर बदल जाते हैं।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर
athor and editor-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep",Gwalior
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