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Tuesday, June 30, 2015

ट्विटर बनाम टीवी-हिन्दी व्यंग्य चिंत्तन(twitter v/s TV-A Hindi satire thought article)

               क्रिकेट खेल के व्यापार से जुड़ा एक पूर्व प्रबंधक लंदन में बैठकर जिस तरह अंतर्जाल में ट्विटर पर संदेश डाल रहा है वह बहुत चौंका देने वाले नहीं है।  यहां बैठे अनेक लोगों को पहले ही क्रिकेट खेल पर संशय रहा है।  अब उसकी पुष्टि भर हो रही है।  यह अलग बात है कि अब प्रचार माध्यम से जुड़े संस्थान  भी संदेह के घेरे में आ रहे हैं। भारतीय कानून से भाग रहे उस क्रिकेट प्रबंधक का ट्विटर और संविधान की रक्षा के लिये जाग रहे प्रचार माध्यमों के प्रसारण देखते हैं तो अनेक विचार उठते हैं। सबसे पहला प्रश्न यह कि कौन क्या दिखा रहा है और क्या छिपा रहा है? दूसरा यह कि कौन अपनी सुविधा से कहता है और सुनता है? तीसरा यह कि सुविधानुसार हर कोई किसी तरह तर्क गढ़ता है?
                                    प्रचार माध्यम सुविधानुसार उसके ट्विटर के संदेश सुनाते और विज्ञापनो का समय भुनाते हैं। उधर वह ट्विटर पर मिल रहे प्रचार से अपनी नायकत्व की छवि बनने के भ्रम में अनेक प्रकार के संदेश जारी करता जा रहा है।  हमारे हिसाब से वह इस समय ऐसा भारतीय ट्विटरर है जिसे शायद किसी अन्य की अपेक्षा अधिक पढ़ा जाता होगा।  सबसे बड़ी बात यह कि वह संगठित प्रचार माध्यमों को चुनौती दे रहा है जो अभी तक इस भ्रम में थे कि उनके बिना कोई भी आम या खास व्यक्ति चमक ही नहीं सकता।  मूलतः वह भी एक खास आदमी है-जैसा कि वह कहता भी है मैं सोने का चम्मच मुंह में रखकर पैदा हुआ हूं’- और उसकी लड़ाई में खास वर्ग के लोगों से चल रही है।  हम जैसे सामान्य स्वतंत्र लेखक के लिये इस लड़ाई में अधिक सोचने या लिखने के लिये अधिक कुछ नहीं है।  वैसे भी उसके क्रिकेट के व्यापार के  खुलासे यहां के अनेक जानकार लोगों के अनुमानों की पुष्टि करने भर तक ही सीमित हैं।
                                    बहरहाल इस तरह की नाटकीयता पहली बार देखने को मिल रही है।  एक अध्यात्मिक साधक होने के नाते हमें पता है कि राजसी कर्म में लिप्त लोगों में लोभ, मोह, क्रोध, अहंकार और काम का भाव अधिक रहता ही है। शिखर पर हो तो मनुष्य मदांध भी हो जाता है। इसलिये उसके उठाये विषयों से अधिक हमारी रुचि इस बात में है कि अंततः यह अंतर्जाल और संगठित प्रचार माध्यमों के बीच द्वंद्व किस परिणाम पर पहुंचता है।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर 
athor and editor-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
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