अब यह सवाल तो उठेगा कि अमेरिका बरसों से आतंकवाद से लड़ रहा है पर फिर भी
समस्या बढ़ क्यों रही है? तय बात है कि अच्छे और
बुरे आतंकवाद का वह फर्क करता है। रूस ने
अरब के आतंकवादियों पर हमला कर उनकी कमर तोड़ने का अभियान शुरु किया है उसकी
कार्यवाही का अमेरिका इस आधार पर विरोध कर
रहा है कि इससे सीरिया की वर्तमान सरकार के विरोधियों का नाश होगा जो उससे हथियार
और दूसरी मदद पाते हैं। प्रश्न यह है कि अगर सीरिया की जनता वहां के लोगों से
नाराज है तो वह स्वयं निपट लेगी। विद्रोहियों को हथियार बेचकर अमेरिका वहां बदलाव
क्यों लाना चाहता है? पिछले अनेक दिनों से वहां आईएसआईएस ने आतंक फैला रखा है जिसकी लपटें पूरे
विश्व में फैल रही हैं। अमेरिका और उसके सहयोगी राष्ट्रों के हमले के बाद भी
आईएसआईएस का वैश्विक प्रचार बना हुआ रहा है।
अब रूस की कार्यवाही के बाद लग रहा है कि वहां वाकई में आईएसआईएस की तबाही
हो रही है। हालांकि रूस का इस कार्यवाही के पीछे लक्ष्य भी अमेरिका जैसा ही
हथियारों का प्रदर्शन कर उनके लिये बाज़ार बनाना तथा तेल भंडारों पर स्वामित्व
स्थापित करना है पर हम भारत की दृष्टि से यूं बेहतर मानते हैं कि आईएसआईएस के पतन
की संभावनाओं ने यहां एक सकारात्मक वातावरण बना है। अगर रूस के हमले से भले ही अरब
देशों में आतंक का पूरी तरह नाश न हो पर आईएसआईएस को मिल रहे मुफ्त प्रचार पर रोक
अवश्य लगेगी। इससे विश्व खास तौर से पश्चिमी देशों में जो उसका आकर्षण फैल रहा था
वह समाप्त हो जायेगा। इतना ही नहीं हमने
देखा है कि जब पश्चिम और मध्य ऐशिया में कोई धार्मिक उन्मादी संगठन आक्रामक रूप से
प्रचारित होता है तो उसके सहविचारक अन्य
देशों में भी आक्रामक हो जाते हैं। पहले अलकायदा के दौर में और अब आईएसआईएस के
मामले में यही होता रहा है। आईएसआईएस का
पतन उनकी इस आक्रामकता को समाप्त कर देगा।
बहरहाल हमारी दृष्टि से रूस ने एक साहसिक कदम उठाया है और उसकी पूर्ण या
आशिंक सफलता आतंकवाद के एक दौर को खत्म करेगी। यह फिलहाल तय लग रहा है।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर
athor and editor-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
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