हिन्दूघर्म से नाता तोड़ने के बाद नेपाल को भारत के जनमानस से सहानुभूति की
आशा नहीं करना चाहिये। चीन के इशारे पर
नेपाल ने तुरुप का इक्का यानि धर्म जल्दी खोल दिया। अब उसे नया मार्ग चुनना ही
चाहिये। स्पष्ट कहें तो नेपाल ने भारत के जनमानस में हृदय से अपना पवित्र स्थान
गंवा दिया है। पहले जैसे संबंध अब शायद ही हों। नेपाल से भारत की तरफ से ट्रक के
पहिये रुके हैं फिर चल भी सकते हैं पर मन का टूटा धागा अब नहीं जुड़ने वाला।
लोकतंत्र में राजपुरुष जनता के अनुसार चलते हैं नेपाल ने भारत के जनमानस में अपना
स्थान गंवाया है इसलिये अब उसे अधिक आशा नहीं करना चाहिये।उलटपंथी भगवान को नहीं
मानते क्योंकि उनके मन में स्वयंगरीबों का भगवान दिखने का आत्ममुग्धता का भाव रहता
है।
अब नेपाल के ट्विटरिस्ट चाहे जितना बोल लें पर सच यह है कि भारत के साथ अब
उसके संबंध वैसे नहीं रहने जैसे थे। नेपाल की सुरक्षा भारत की वजह से थी उससे
बिगाड़ने के बाद पाकिस्तान व चीन उसे खुश रहने देंगे यह भ्रम जल्दी टूट जायेगा।
पाकिस्तान ने ब्लूचिस्तान पर जबरन कब्जा कर रखा है, भारत यह मामला संयुक्त
राष्ट्र में उठाये। ब्लोचिस्तान का पाक से कोई एतिहासिक नाता नहीं रहा इसलिये उसे
वहां से हटाना चाहिये। सच यह है कि पाकिस्तान अब सऊदीअरब का उपनिवेश मात्र है जो
कि धर्म के नाम पर आंतकवाद फैला रहा है।
अब नेपाल के ट्विटरिस्ट चाहे जितना बोल लें पर सच यह है कि भारत के साथ अब
उसके संबंध वैसे नहीं रहने जैसे थे। नेपाल की सुरक्षा भारत की वजह से थी उससे
बिगाड़ने के बाद पाकिस्तान व चीन उसे खुश रहने देंगे यह भ्रम जल्दी टूट जायेगा।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर
athor and editor-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
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