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Saturday, September 26, 2015

भारतीय रणनीतिकार नेपाल से कौटिल्य नीति अपनायें-हिन्दी लेख(bharatiy ranneetikar nepal se kautilya neeti apnayen-Hindi Lekh)

                                   हिन्दू देश होते हुए भी नेपाल को यह बात समझ में नहीं आयी कि भारत उसके नखरे इसलिये उठा रहा है  क्योंकि वह उसे सहधर्मी राष्ट्र मानता है।  नेपाल ने अभी न केवल अपना संविधान धर्मनिरपेक्ष बनाया वरन् भारत के लोगों से नागरिकता भी छीन ली।  अब वहां अशांति फैल गयी है। एक बात तय रही कि वहां के नेता  चीन तथा मध्यएशिया राष्ट्रों के चंगुल में फंस गये लगते हैं।  भारत के विरोध को दरकिनार कर जिस तरह उसने संविधान बनाया उसके बाद उसे यहां से समर्थन की आशा नहीं करना चाहिये।  भारत से वहां आवश्यक सामान जाना बंद हो गया है।  नेपाल के विदेशमंत्री ने भारतीय दूत को बुलाकर उसे चेतावनी दी तो उसने साफ कह दिया कि आपके यहां अशांति के कारण भारत से मालवाहक वाहन नहीं आ रहे हैं।
                                   संभवत कोई  अंतर्राष्ट्रीय कानून है जिससे बंदरगाह विहीन राष्ट्र को पड़ौसी देश अपनी समुद्रीसीमा से आवश्यक रूप से माल ढूलाई के अवसर प्रदान करता है पर नेपाल कभी इस खुशफहमी में रहे कि भारत उसे अब झेलेगा।
कौटिल्य के अर्थशास्त्र में कहा गया है कि
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कौमें संकोचमास्थाय प्रहारमपि मर्धयेत्।
काले प्राप्ते तु मतिमानुत्ष्ठिक्रूरसर्पवत!।।
                                   हिन्दी में भावार्थ-समय पड़ने पर शत्रु का प्रहार कछूए की तरह अंग समेटकर सहन करन के बाद  अवसर मिलते ही क्रूर सर्प के समान प्रहार भी करना चाहिये।
                                   इस समय जैसी भारत में स्थिति है उसके अनुसार तो नेपाल को भारत से ज्यादा अनुकूल व्यवहार करना चाहिये था पर लगता है कि विनाशकाले विपरीतबुद्धि की वजह से नेपाल के नेता गलत रास्ते पर जा रहे हैं। भारत सैन्य कार्यवाही के अलावा अनेक प्रकार से नेपाल को संकट में डाल सकता है। इस समय भारतीय रणनीतिकार किसी देश से दबने वाले नहीं है। यह तो मानना पड़ेगा कि भारतीय रणनीतिकार कौटिल्य अर्थशास्त्र की नीतियां अपनाकर जिस तरह काम कर रहे हैं उससे देश की प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर 
athor and editor-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
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