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Sunday, September 20, 2015

सामाजिक जनसंपर्क (सोशल मीडिया) की शक्ति अब दिखने लगी है (SocialMedia is Powerful-New Post)



सोशल मीडिया का महत्व भी अब सामने आने लगा है। कुछ लोगों को जब अपने पाठ के लिये पसंद या टिप्पणियों के कॉलम खाली दिखते हैं तो वह निराश होते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि उनके प्रयासों का परिणाम नहीं हो रहा है तो यह भी उनका वहम है। दरअसल दस वर्षों से इंटरनेट पर लिखते हुए हमें यह अनुभव हुआ है कि आम पाठकों तक हमारी पहुंच न हो पर जहां बात पहुंचना चाहिये वहां पहुंच ही जाती है। आतंकवाद के व्यापार और अर्थशास्त्र पर इस लेखक ने अनेक वैचारिक पाठ लिखे जो कि सामान्य से अलग थे। अब दिखने लगा है कि अनेक विद्वान उन्हीं विचारों को व्यक्त कर रहे हैं-यह लेखक अपने पाठों का प्रभाव नहीं मानता पर इतना तय है कि कहंी कहीं उनका उल्लेख होता रहा है। श्रीमद्भागवत गीता को ज्ञान और विज्ञान से युक्त विश्व अकेला ग्रंथ मानने के साथ ही उसमें समाजवाद के सिद्धांत का भी पाठों में जिक्र किया। आज वही मान्यतायें प्रचलन में आती दिखती हैं तो अच्छा लगता है।
                                   अभी उत्तरप्रदेश में एक दरोगा ने सड़क पर टाईप करने वाले का यंत्र उठा कर तोड़ डाला।  सोशल मीडिया में उसका दृश्यांकन जमकर चला।  इसका प्रभाव यह हुआ कि  प्रशासन के लोग उसके घर नया टाईपराईटर लेकर पहुंच गये।  यह घटना सोशल मीडिया के प्रभाव का सबसे ताजा उदाहरण है।  सोशल मीडिया या सामाजिक जनंसपर्क का कोई संगठन नहीं है और न ही कोई आर्थिक संबल है इसके बावजूद अनेक लोग बहुत काम कर रहे हैं।  अनेक लोग अपने पाठों की वजह से अपमानजनक टिप्पणियां भी झेल रहे हैं। आठ-दस वर्षों से हम अंतर्जाल को  देख रहे हैं इसलिये दुष्ट और इष्ट समूहों का पता चल जाता है।  अधिक टिप्पणियां नहीं आतीं और न अधिक  पंसद किये जाते हैं पर इतना आत्मविश्वास हम में है कि अनुभव से आगामी अनुमान लगा लेते हैं।  अरब देशों के शरणार्थियों के बारे में हमने उनके बीच आतंकवादी होने की चेतावनी सबसे पहले लिखी थी।  वह ज्यादा पाठक नहीं जुटा सकी पर पर जितने लोगों ने उसे पढ़ा उन्होंने उसे आगे बढ़ाया। किसी ने प्रशंसा नहीं की पर अनेक लोग जानते हैं कि हमारा अनुमान सही था।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर 
athor and editor-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
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