पाकिस्तान को अपने ही वाक्जाल में फंसाने का बहुत बढ़िया अवसर भारतीय
विद्वानों को पाकिस्तान के ही सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने दिया है। उनके अनुसार
उफा समझौते में आतंकवाद प्रमुख मुद्दा है पर उसमें उससे जुड़े अन्य विषय भी
हैं। इस अन्य विषय के अनुसार कश्मीर मुद्दा
भी उठेगा। भारत तथा विश्व में इसका प्रचार
इस तरह भी होना चाहिये कि कश्मीर अब पाकिस्तान के लिये प्रमुख नहीं अन्य मुद्दा बन
गया है। कश्मीर में भी उसके समर्थकों को
आक्रामक ढंग से यह बताया जाना चाहिये कि वह पाकिस्तान के लिये प्रमुख नहीं वरन् अन्य
विषय हो गये हैं। उनको मनोबल गिराने के लिये यह प्रचार एक हथियार का काम करेगा। वह
नहीं माने तो भी अभी तक उनसे डरने वाला कश्मीरी जनमानस उनको कमजोर मानकर अब निर्भय
हो जायेगा। भारतीय रणनीतिकारों को तो अब
यह कहना चाहिये कि कश्मीर विषय की प्रमुखता से विमुख होना ही पर्याप्त नहीं हम तो
अन्य विषय में रखने की भी उसकी शर्त नहीं मानेंगे। इस प्रमुख और अन्य शब्द के बीच पाकिस्तान बुरी
तरह फंस जायेगा।
सरताज अजीज की ही बात माने तो उफा में कश्मीर अन्य मद्दा हो गया है! मतलब
भारत से किसी बातचीत में आतंकवाद विषय पर चर्चा से समय मिलेगा तो ही उस पर चर्चा होगी। नहीं मिला
तो....! सरताज अजीज ने अपने देश में ही आयोजित एक पत्रकार वार्ता में माना कि
कश्मीर अन्य मुद्दा हैं। भारत के ही कश्मीर प्रदेश में रहने वाले कथित
पाकिस्तान समर्थकों को सलाह है कि वह उस
पर ज्यादा यकीन नहीं करें। वैसे कश्मीर के लोग पहले ही पाकिस्तान पर यकीन नहीं
करते। सरताज अजीज ने अन्य मुद्दा बताकर उनके अविश्वास को पुष्ट किया है। ऊफा या
उफा में पाकिस्तान ने जिस समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं उसमें आतंकवाद तथा उससे
जुड़े अन्य समस्याओं पर समाधान की चर्चा है जिसे अब वह कश्मीर से जोड़ा बता रहा है।
चलिये उनकी यह बात भी मान ली पर एक बात रही कि पाकिस्तान के रणीनीतिकारों के लिये कश्मीर मुद्दा प्रमुख नही है यह जाहिर
हो गया है पर सवाल यह है कि वह इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं कर रहे।
जब
पाकिस्तान स्वयं कह रहा है कि कश्मीर अन्य मृद्दों में शामिल है तब वह इसे वार्ता
का प्रमुख विषय नहीं बना सकता। उसके समर्थक इसे समझें।
दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर
athor and editor-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
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