गुरदासपुर में हुआ पाकिस्तानी प्रायोजित हमला बहुत गंभीर है-यह सभी मान रहे
हैं पर ऐसे हमले आगे न हों इसका स्थाई उपाय करने की बात पर सभी खामोश हो जाते हैं।
सन् 1971 के बाद भारतीय सेना ने सीमा पार जाकर पाकिस्तान को सबक नहीं सिखाया है जबकि इसकी आवश्यकता लंबे समय से अनुभव की जा
रही है-कारगिल युद्ध में भारत ने सीमा पार नहीं की इसका पाकिस्तान इसे भारत की
कमजोरी समझ रहा है। पाकिस्तान सीना तानकर कहता है कि उसके पास परमाणु बम है और वह
युद्ध में परंपरागत हथियारों की बजाय उसका इस्तेमाल करेगा। भारत के रणनीतिकार इस
धमकी पर खामोश हो जाते हैं। निष्पक्ष
अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक कह चुके हैं कि पाकिस्तान के परमाणु बम से भारत का जो होगा
सो होगा पर जवाबी कार्यवाही में पाकिस्तान का अस्तित्व मिट जायेगा। पाकिस्तान के
अस्तित्व मिटने की बात पर वहां से ज्यादा भारत के रणनीतिक विशारद ज्यादा घबड़ाते
हैं। उनका मानना है कि पाकिस्तान का
अस्तित्व बना रहना भारत के हित में है। अगर उनकी बात सही माने तो उन्हें यह भी
समझना चाहिये कि कम से कम दस वर्ष में एक बार सीमा पार जाकर पाकिस्तान को सबक
सिखाते रहना जरूरी होगा। वह लातों का भूत
है बातों से नहीं मानेगा।
जहां तक पाकिस्तान के अस्तित्व का प्रश्न है पाकिस्तान के रणनीतिकार इसके लिये कम चिंतित नहीं होंगे। परमाणु बम हमले की
धमकी देते जरूर हैं पर उनको पता है कि अंततः सबसे बुरे नतीजे उन्हें भी भोगने
होंगे। जिस तरह भारत के सुविधा भोगी युद्ध के नाम से सिहरते हैं उसी तरह पाकिस्तान
के सुविधाभोगी रणनीतिकार भी कम विचलित नहीं होंगे। थोड़ी मार झेलकर उन्हें खामोश होना ही
होगा। इस थोड़ी मार से सीधा आशय यही है कि
दस पंद्रह वर्ष में एक बार भारतीय सेना पंजाब से बाघा सीमा या गुजरात के कच्छ के
रण से एक बार निकल कर पाकिस्तान को ठोके।
रहा परमाणु बम का सवाल तो पाकिस्तान कोई अमेरिका नहीं कि बम फैंक ही लेगा
और भारत भी कोई जापान जैसा छोटा देश नहीं है कि दो चार परमाणु बम खाकर चुप बैठ
जायेगा। वैसे भी अमेरिकी सैन्य विशेषज्ञ
अक्सर पाकिस्तान को समझाते हैं कि पाकिस्तान जब भारत पर परमाणु बम फैंकने की सोचगा
तब तक भारत उसे पहले ही अपने परमाणु बम उपहार में आकाश से प्रस्तुत कर इस तरह कृतार्थ करेगा कि वह उठ ही नहीं
जायेगा-पाकिस्तान बचेगा ही नहीं कि वह परमाणु बम फैंके।
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दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’’
कवि, लेखक एंव संपादक-दीपक 'भारतदीप",ग्वालियर
poet,writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com
यह कविता/आलेख रचना इस ब्लाग ‘हिन्द केसरी पत्रिका’ प्रकाशित है। इसके अन्य कहीं प्रकाशन की अनुमति लेना आवश्यक है।
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1.दीपक भारतदीप की हिन्दी पत्रिका
2.दीपक भारतदीप की अनंत शब्दयोग पत्रिका
3.दीपक भारतदीप का चिंतन
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5.दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान का पत्रिका
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