आज सारे देश में गुंरुनानकजी का जन्म दिन प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। जहां तक उनके जीवन चरित्र पर चर्चा का प्रश्न है तो उसके बारे में सभी जानते हैं। उनके नाम पर सिख धर्म की स्थापना हुई और सच बात तो यह है कि अनेक समाज विशेषज्ञ पूरी सिख कौम को एक विशेष कौम मानते हुए उसके सभी सदस्यों को सम्मान तथा विश्वास से देखते हैं। कहा जाता है कि सिख धर्म की स्थापना ही हिन्दू संस्कृति की स्थापना के लिए हुई थी। कालांतर में सब बदल गया और राजनीतिक छपकपट के चलते अब सिख और हिन्दू धर्म को अलग अलग माना जाता है।
इसके बावजूद यह सच है कि गुरुनानक इस देश के ऐसे आदर्श पुरुष माने जाते हैं जिन्होंने पूरे भारतीय समाज को एक ऐसा मार्ग दिखाया जिसका यह लाभ हुआ कि लोगों के अंधविश्वासों तथा रूढ़िवादिता के विरुद्ध एक जागरुक समाज खड़ा हुआ। श्रीगुरुनानक देव ने भारतीय समाज में व्याप्त बलि, दहेज तथा अन्य कुप्रथाओं का खुलकर विरोध किया गया। देखा जाये तो भारतीय समाज में सुधार लाने वाले वह ऐसे आधुनिक महापुरुष थे जिनका हर संदेश प्रमाणिक है। वह एक मस्तमौला तथा अध्यात्मिक प्रवृत्ति के महापुरुष थे। उनके व्यक्तित्व की कल्पना ही मन में रोमांच प्रदान करती है। ऐसे महापुरुष को कोटि कोटि प्रणाम।
इस अवसर पर अपने सारे ब्लाग लेखक मित्रों तथा पाठकों हार्दिक बधाई।
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संकलक एवं संपादक-दीपक राज कुकरेजा " भारतदीप",ग्वालियर author, writer and editor-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
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