मनुष्य का पूरा
जीवन मन के स्वामित्व में व्यतीत करता है इसके बावजूद उसकी बुद्धि स्वयं के स्वतंत्र होने का निरर्थक भ्रम पालती है। हमारे दर्शन के
अनुसार दिन समय चार भागों में वैज्ञानिक रूप से चार भागों में बांटा गया है-प्रातः
धर्म, दोपहर अर्थ, सायं काम या मनोरंजन तथा रात्रि मोक्ष या निद्रा के लिये होती है।
अवैज्ञानिक रूप से दिनचर्या बिताने तथा व्यवसायिक
प्रचार से भ्रमित लोगों ने अपनी चिंत्तन क्षमता को खो दिया है ऐसे में
मानसिक तनाव से उपजे रोगों का प्रकोप बढ़ रहा है।
भर्तृहरिनीति शतक के अनुसार--------------------अग्रे गीतं सरसकवयः पार्श्वयोर्दाक्षिणात्याः पाश्चाल्लीवलयरणितं चामरग्राहणीनाम्।यद्यस्त्येवं कुरु भवरसास्वादने लम्पटत्वं नो चेच्वेतः प्रविश सहसा निर्विकल्पे समाधी।।हिन्दी में भावार्थ-अरे मन! यदि तेरे सामने श्रेष्ठ गायक गा रहे हैं, दायें बायें श्रेष्ठ कवि काव्य पाठ कर रहे हैं। तेरे पीछे सुंदरियां चंवर हिला रही हैं तब तो उनमें रम जा वरना वन में जाकर समाधि ले।
अपने मन से हारे
लोग अनेक तरह की मजबूरियों का बखान करते हुए भाग्य को दोष देते हैं। लोग अपने दिन
का समय वैज्ञानिक ढंग से बिताने के आदी नहीं रहे। मनोरंजन के प्रति इतना लगाव है
उसके लिये तो कोई समय तय नहीं करते। सच तो यह है कि मनोरंजन के सुख की अनुभूति
करने वाली संवेदनायें ही लोगों में नहीं दिखती। लोग धर्म के समय में अपनी देह, मन और विचार के विकार निकालने की बजाय प्रातः ही
सांसरिक विषयों में अपनी बुद्धि का अपव्यय करने लगते हैं। जब प्रातः बौद्धिक तथा
वैचारिक शक्ति ग्रहण करने का समय है तब उनमें तामसीगुण की प्रधानता के कारण आलस्य
का भाव शासन करता है। ऐसे में अर्थ के समय उनकी क्षमतायें सीमित रहती हैं। सायं
मनोरंजन के समय भी बाहरी प्रभाव से बहलना चाहते हैं। जबकि योग के अनुसार ध्यान
करने पर भी आनंद मिल सकता है। निद्रा के
समय ही चिंतायें साथ लिये होते हैं। कहने
का अभिप्राय यह है कि मनुष्य अपने की पहचान नहीं कर पाता जिससे वह जीवन भर भटकता
है। हम अनुभव करते हैं कि आज के समय भारतीय योग विज्ञान से जीवन व्यतीत करने पर ही
मानसिक शांति अनुभव कर सकते हैं।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर
athor and editor-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep",Gwalior
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