कुछ इंसानों का झुंड शांति से खड़ा है,
ऊपर हैं कुछ लोग जिनका कद बड़ा है।
सीढ़ियों पर लगी है एक तख्ती
यहां आम इंसान का प्रवेश वर्जित है,
कैसे ऊपर जाने की पात्रता पायें
सोच रहा है हर कोई
जो कानून की छत के नीचे
आम इंसानों की भीड़ में खड़ा है।
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भीड़ में चमकने की ख्वाहिश
इंसान को अंधा बना देती है,
अपना अक्स नहीं देख पाते कुछ लोग
पर दूसरों को अपना रुतवा दिखाने की चाहत
उनको खूंखार बना देती है।
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संकलक, लेखक और संपादक-दीपक ‘भारतदीप’,ग्वालियर
athor and editor-Deepak "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
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